मेरे प्रिय आत्मीय जन.........
विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का केंद्र होता है। राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक स्तर पर समस्त देशवासियों के लिए समुचित शिक्षा का विकेन्द्रीकरण करते हुये विभिन्न विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है। शिक्षा के प्रसंग में प्रादेशिक स्तर पर बुंदेलखंड को समुन्नत बनाने के लिए छतरपुर म.प्र. के राज्यपत्र में प्रकाशानुसार दिनांक 26 मई 2018 को श्री कृष्णा विश्वविद्यालय ,छतरपुर की स्थापना की गयी है। विश्वविद्यालय में शिक्षा मूल का प्रयोजन समाज को दिशा देना और युवाशक्ति को सकारात्मक और सृजनशील ढ़ग से ऊर्जान्वित करना है।
क्षेत्र आवश्यकताओं एवं पर्यावरणीय संकटो को देखते हुये हमारा यह प्रयाश है कि म.प्र. शासन द्वारा स्थापित सभी विश्वविद्यालय से बेहतर शिक्षा व रोजगार की व्यवस्था की जाये। तथा हमारा यह प्रयास होगा कि श्री कृष्णा विश्वविद्यालय क्षेत्र की आवश्यकताओं को देखते हुए जल , ऊर्जा एवं यातायात के मामले में आत्मनिर्भर हो तथा इसके अंतर्गत संचालित पाठ्यक्रम व्यवसायिक एवं रोजगार की दृष्टि से बुंदेलखंड के क्षेत्रवासियों के लिए अधिक उपयोगी हो।
वर्तमान काल की आवश्यकताओं के लिए प्रासंगिक क्षेत्रों में उच्च अध्ययन और शोध के लिये सतत प्रयास किये जायेंगे। तथा विश्वगुरु श्री कृष्णा की शिक्षाओं को अन्तःकरण मे धारण कर इस विश्वविद्यालय को आधुनिक , तकनीकी सुविधाओं सहित पुस्तकालय , प्रयोगशालाये , आवास व्यवस्था विशाल विश्वविद्यालय भवन , खेल मैदान के साथ सुसज्जित किया गया है। और इसे उत्कृष्ट बनाने के लिए सभी शिक्षण और सहकर्मी तत्पर है।
आज के बदलते समय में मीडिया और वैश्वीकरण हमारे अनुभव का हिस्सा बन चुके है। अतः यह आवश्यक होगा की युवापीढ़ी इस दृष्टि से उपयोगी कौशलों से युक्त हो इसे ध्यान में रखकर कंप्यूटर विज्ञान, मातृभाषा , विदेशी भाषा , संचार , साहित्य , फिल्म तथा थियेटर , कृषि विज्ञान , कौशल विकाश और संस्कृति से जुड़े अनुशासनों में शिक्षण और शोध पर यहाँ विशेष ध्यान दिया जायेगा। यहां पर ऐसे अनेक विषयों जैसे दलित तथा जनजाति अध्ययन , मानव विज्ञान , शिक्षा , तकनीकी शिक्षा , सामाजिक शिक्षा , चिकित्सीय शिक्षा डायस्पोरा अध्ययन , अहिंसा और शांति अध्ययन , बौद्ध अध्ययन तथा अध्यात्म जैसे पाठ्यक्रम चलाये जायेगे जो महत्वपूर्ण तो है ही परन्तु प्रायः उपेक्षित रहे है।
मध्यप्रदेश तथा बुंदेलखंड के विद्यार्थियों के लिये ये विषय अनेक संभावनाओं के द्वार खोलेंगे तथा प्रत्येक वर्ष क्षेत्र व समाज तथा छात्र उपयोगी पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय में जोड़ा जायेगा। जिससे छात्रों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा के साथ साथ उन्है कौशल युक्त एक अच्छा मनुष्य बनने के लिए प्रेरित किया जा सके।
मैं विद्यार्थियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ , और उनसे आग्रह करता हूँ कि वे इस शिक्षा केंद्र को अपनी योग्यता और क्षमता के विस्तार के लिए माध्यम बनाये , मै विश्वविद्यालय के अध्यापक और कर्मचारी गण सभी आपकी जीवन यात्रा के इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर आपके साथ है। मेरा विश्वास है कि आपकी उपस्थिति और आपका योगदान इस विश्वविद्यालय को नई ऊचाई पर ले जायेगा।
श्रीकृष्णा आपके सहाय हो......... अस्तु।