श्री कृष्णा विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग ने बनाया अपनी ही प्रयोगशाला में सेनिटाइजर। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने में हो सकता है सहायक।
कोरोना वायरस समूह के नोवेल कोविड-19 नामक वायरस का संक्रमण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यह संक्रमण भारत देश में भी अपने पैर पसार चुका है तथा यहां भी संक्रमित व्यक्तियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। संक्रमण को रोकने में सेनिटाइजर की अहम भूमिका रहती है। सेनिटाइजर से सही तरीके से अपने हाथों तथा अपने आस-पास की वस्तुओं को स्वच्छ रखने से संक्रमण की आवृत्ति को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसी कारण से सेनिटाइजर की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है तथा दवाखानों एवं सामान्य दुकानों में इसका अभाव देखा जा सकता है।
श्री कृष्णा विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग में सेनिटाइजर की इस बढ़ती मांग को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मान्यता प्राप्त फार्मूले के अनुसार अपनी ही प्रयोगशाला में एक सेनिटाइजर तैयार किया। इसे बनाना बहुत आसान है तथा इसकी लागत भी काफी कम है। फार्मेसी प्रयोगशाला में इस सेनिटाइजर को बनाने में सह-प्राध्यापक हेमन्त सिंह, अभिषेक पाठक तथा सहायक प्राध्यापक राममिलन, हिमांशी, पूजा चौरसिया तथा प्रयोगशाला सहायक कमालुद्दीन, शोवित विश्वकर्मा का विशेष सहयोग रहा।
इस अवसर पर कुलाधिपति डॉ. बृजेन्द्र सिंह गौतम तथा चैयरमेन डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह गौतम ने विश्वविद्यालय के समस्त शैक्षणिक तथा अशैक्षणिक स्टाफ को नि:शुल्क सेनिटाइजर वितरित किया तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार सेनिटाइजर से विश्वविद्यालय के प्रांगण को संक्रमण रहित करने का प्रयास किया गया। कुलाधिपति डॉ. बृजेन्द्र सिंह गौतम ने विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए किये गये अन्य प्रयासों की विस्तृृत चर्चा की साथ ही फार्मेसी विभाग को बहुत-बहुत शुभकामनाएं प्रदान की।
चैयरमेन डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह गौतम ने बताया कि भविष्य में कोरोना वायरस के रोकथाम तथा आमजन में इसकी सजकता को बढ़ाने के लिए कई अन्य प्रयासों के बारे में अध्ययन किया जा रहा है तथा इसकी सूचना सभी को अतिशीघ्र प्रदान कर दी जावेगी। उपकुलपति श्री गिरीश त्रिपाठी से सेनिटाइजर के घटकों पर विस्तृत चर्चा हुई उन्होंने बताया कि श्री कृष्णा विश्वविद्यालय में बनाये गये सेनिटाइजर में सामान्यत: 60 – 65 प्रतिशत एल्कोेहॉल है जो अपने आप में एक डिसइन्फेक्टेन्ट होता है।
इसके अलावा कम सान्द्रता में हाइड्रोजन परोक्सायइड की कीटाणुओं के स्पोर्स को हटाने में महत्वहपूर्ण भूमिका रहती है। नीम एक्स्ट्रैैैैक्ट का भी अपना एन्टी वायरल प्रभाव रहता है जो कि कई रिसर्च पेपर में साबित हो चुका है। सेनिटाइजर वितरण में कुलसचिव श्री विजय सिंह के निर्देशन तथा अन्य शैक्षणिक स्टाफ के सहयोग की अहम भूमिका रही।